पेरू में चुनावी धोखाधड़ी के दावों की समीक्षा के बाद पेड्रो कैस्टिलो को राष्ट्रपति घोषित कर दिया गया। पूर्व स्कुल शिक्षक व यूनियन नेता 51 वर्षीय श्री कैस्टिलो को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले। नतीजा घोषित होने के बाद श्री कैस्टिलो राजधानी लीमा में भाषण दिया। श्री कैस्टिलो ने कहा हम एक साथ काम करने और इस देश को एक साथ लाने जा रहे हैं। हम लोकतंत्र के खिलाफ जाने वाली किसी भी चीज़ को अस्वीकार करने जा रहे हैं। 28 जुलाई को पेरू के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे।

पेरू के वर्तमान राष्ट्रपति फ्रांसिस्को सगस्ती ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने इस घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा यह सुलह सर्वसम्मति और एकता के एक नए चरण की शुरुआत हो।

श्री कैस्टिलो चार साल पहले राष्ट्रीय स्तर पर  तब उभरे जब उन्होंने वेतन को लेकर सफल हड़ताल किया और  हजारों शिक्षकों का नेतृत्व किया। अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान श्री कैस्टिलो ने पेरू के खनन और हाइड्रोकार्बन क्षेत्रों का राष्ट्रीयकरण करने का वचन दिया। और कहा कि उनका लक्ष्य एक वर्ष में एक लाख नई नौकरियां पैदा करना है। उन्होंने अपराध से निपटने के लिए मौत की सज़ा को फिर से शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा।

श्री कैस्टिलो ने चुनाव केवल 44,000 मतों के अंतर से जीता। कड़े मुकाबले में सुश्री फुजीमोरी को हराया।

चुनाव एक माह पहले हुआ था। श्री कैस्टिलो ने चुनाव जीतने का दावा किया था। लेकिन सुश्री फुजीमोरी द्वारा कानूनी चुनौतियों की कतार ने चुनाव अधिकारियों के आधिकारिक फैसले में देरी की। सुश्री फुजीमोरी ने चुनाव के अपने दावों के बारे में बहुत कम सबूत दिए थे। और कैस्टिलो की फ्री पेरू पार्टी ने आरोपों को खारिज कर दिया। अमेरिकी राज्यों के संगठन सहित चुनावी पर्यवेक्षको ने भी कहा कि उन्हें कोई अनियमितता नहीं मिली है।

सोमवार रात की घोषणा से पहले सुश्री फुजीमोरी ने कहा कि वह परिणाम को स्वीकार करेंगी। सच्चाई वैसे भी सामने आएगी उन्होंने कहा। हम सभी अपने देश में वैधता को फिर से स्थापित करने के लिए मिलकर काम करने जा रहे हैं। 

सुश्री फुजीमोरी,भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन सहित अपराधों के लिए  25 साल की सजा काट रहे पूर्व राष्टपति अल्बर्टो फुजीमोरी की बेटी है। सुश्री फुजीमोरी की खुद कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जांच की जा रही है। उनका दावा है कि वे राजनीति से प्रेरित हैं। 2018 और 2020 के बीच उसने कुल 13 महीने जेल में बिताए वह पैरोल पर रिहा हुई है। राष्ट्रपति बनने में उनकी विफलता का मतलब है कि अभियोजक अब उनके खिलाफ आरोपों के साथ आगे बढ़ सकते हैं।

स्रोत : एजेंसी।